पद परिचय की परिभाषा Pad Parichay in Hindi
पद की परिभाषा :- वाक्य में प्रयुक्त होने वाले शब्द ही पद कहलाते है।
पद परिचय की परिभाषा :- वाक्य में आने वाले प्रत्येक सार्थक शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद- परिचय /पद व्याख्या /पदांवय कहते है। पद परिचय में उस शब्द के भेद , उपभेद , वचन ,कारक , लिंग आदि के परिचय के साथ , वाक्य में आने वाले अन्य पदों के साथ सम्बन्ध का भी उल्लेख किया जाता है।
निम्न विकारी शब्दों का पद-परिचय :-
1. संज्ञा शब्द का पद परिचय :- किसी भी संज्ञा शब्द की सम्पूर्ण जानकारी देना, संज्ञा शब्द का पद परिचय कहलाता है। अर्थात किसी भी संज्ञा शब्द के पद परिचय के लिए निम्न बातें बतलानी होती है -संज्ञा के प्रकार , उसका लिंग , वचन , कारक , उस शब्द का क्रिया के साथ सम्बन्ध।
संज्ञा शब्द का क्रिया से सहसम्बन्ध 'कारक' के अनुसार जाना जा सकता है।
जैसे - यदि संज्ञा शब्द कर्त्ता कारक है तो लिखेंगे अमुक क्रिया का कर्त्ता या 'करने वाला' तथा कर्म कारक है तो उल्लेख करेंगे अमुक क्रिया का 'कर्म' ! इसी प्रकार कारक के अनुसार उसका क्रिया के साथ सम्बन्ध बतलाया जायेगा।
- नरेंद्र पुस्तक पढता है।
इस वाक्य में 'नरेंद्र' तथा 'पुस्तक' शब्द संज्ञाएँ हैं। यहाँ इनका पद परिचय निम्न पांच बातों के अनुसार होगा -
नरेंद्र :- व्यक्तिवाचक संज्ञा , पुल्लिंग , एकवचन , कर्त्ता कारक , 'पढता है ' क्रिया का कर्त्ता।
पुस्तक :- जातिवाचक संज्ञा , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्म कारक , 'पढता है ' क्रिया का कर्म ।
2. सर्वनाम शब्द का पद परिचय :- किसी भी सर्वनाम शब्द की सम्पूर्ण जानकारी देना , सर्वनाम शब्द का पद परिचय कहलाता है। अर्थात किसी सर्वनाम के पद परिचय में भी संज्ञा शब्द के पद परिचय की ही बातों का उल्लेख करना होगा , जैसे - सर्वनाम का प्रकार पुरुष सहित , लिंग , वचन , कारक तथा क्रिया के साथ सम्बन्ध आदि।
- मैं पुस्तक पढता हु।
इस वाक्य में 'मैं' शब्द सर्वनाम है। अतः इसका पद परिचय होगा -
मैं - पुरुषवाचक सर्वनाम , उत्तम-पुरुष , पुल्लिंग , एकवचन , 'पढता हु' क्रिया का कर्त्ता।
- यह उसकी वही कार है जिस कोई चुराकर ले गया था।
यह :- निश्चयवाचक सर्वनाम , अन्य पुरुष , स्त्रीलिंग , एकवचन , सम्बन्ध कारक , 'कार' संज्ञा शब्द सम्बन्ध।
जिसे :- सम्बन्धवाचक सर्वनाम , स्त्रीलिंग , एकवचन , कर्मकारक , 'चुराकर ले गया' क्रिया का कर्म।
कोई :- अनिश्चयवाचक सर्वनाम , अन्य पुरुष , पुल्लिंग , एकवचन , कर्त्ता कारक , 'चुराकर ले गया' क्रिया का कर्त्ता।
3. विशेषण शब्द का पद परिचय :- किसी विशेषण शब्द के पद परिचय हेतु निम्न बातों का उल्लेख करना होता है। यथा - विशेषण का प्रकार , अवस्था , लिंग , वचन , विशेष्य व उसके साथ सम्बन्ध।
- वीर कृष्ण ने सब राक्षसों का वध कर दिया।
उक्त वाक्य में 'वीर' तथा 'सब' शब्द विशेषण है , इनका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
वीर :- गुणवाचक विशेषण , मूलावस्था , पुल्लिंग , एकवचन , 'कृष्ण' विशेष्य के गुण का बोध कराता है।
सब :- संख्यावाचक विशेषण , मूलावस्था , पुल्लिंग , बहुवचन , 'राक्षसों' विशेष्य के संख्या का बोध कराता है।
अर्जुन ने दुर्योधन को बाण से मारा।
उक्त वाक्य में 'मारा' पद क्रिया है। इसका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
मारा :- सकर्मक क्रिया , पुल्लिंग , एकवचन , कर्त्तृवाच्य , भूतकाल , 'मारा' क्रिया का कर्त्ता 'अर्जुन' , कर्म दुर्योधन , तथा करण बाण।
निम्न अव्यय या अविकारी शब्द का पद परिचय : -
लड़के ऊपर खड़े है।
उक्त वाक्य में 'ऊपर' शब्द क्रिया विशेषण है। इसका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
ऊपर :- स्थानवाचक क्रिया विशेषण , 'खड़े है' क्रिया के स्थान का बोध कराता है।
भोजन के बाद विश्राम करना चाहिए।
उक्त वाक्य में 'के बाद' शब्द सम्बन्ध बोधक अव्यय है। इसका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
के बाद :- सम्बन्ध बोधक अव्यय , जो भोजन संज्ञा का सम्बन्ध 'विश्राम' के साथ जोड़ता है।
तृप्ति और गुंजन जा रही है।
उक्त वाक्य में 'और' शब्द समुच्चयबोधक अव्यय है। इसका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
और :- समुच्चय बोधक अव्यय , संयोजक , तृप्ति तथा गुंजन दो संज्ञा शब्दों को जोड़ता है।
अरे ! यह क्या हो गया हो ?
उक्त वाक्य में 'अरे' शब्द विस्मयादिबोधक अव्यय है। इसका पद परिचय निम्नानुसार होगा -
अरे :- विस्मयादि बोधक अव्यय , जो विस्मय के भाव का बोध कराता है।
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